Types of Steel Tapes: कोण मापने वाले यंत्र
स्टील टेप (Steel Tape):इसका प्रयोग मुख्यत: लंबी दूरी की माप लेने के लिए किया जाता है। यह 1/2″ या 2/4″ चौड़ाई तथा 5 फुट से 100 फुट की लंबाई में उपलब्ध रहते हैं। इसमें इंच को आठवें स्थान तक तथा सेमी को दसवें स्थान तक विभाजित किया होता है। यह स्प्रिंग स्टील की पतली चादर पर प्रिंट करके बनाया जाता है। बहुत अधिक लचीला होने के कारण इसके द्वारा कोई भी प्रोफाइल आसानी से मापी जा सकती है।
स्केल (Scale)
विभिन्न स्थानों के नक्शे, मकान आदि के नक्शे या मशीनरी या घड़ी के पार्ट्स की ड्रॉइंग कागज या शीट पर बनाने के लिए वास्तविक माप को किसी निश्चित अनुपात में कम या अधिक करना होता है, जिससे ड्रॉइंग, कागज की सीमा में आ सके। इसके लिए स्केल प्रयोग किए जाते हैं। इस प्रकार स्केल आनुपातिक माप के लिए प्रयोग किए जाते हैं जबकि रूल वास्तविक माप के लिए। स्केल का प्रयोग ड्राफ्ट्समैन द्वारा मानचित्र या ड्रॉइंग बनाने के लिए किया जाता है। कुछ मानक स्केल बाजार में मिलते हैं तथा दूसरे बना लिए जाते हैं। एक मानक स्केल चित्र दर्शाया गया है।
सही प्रयोग (Correct Use)
- स्टील रूल को जॉब पर खड़ा करके माप लेनी चाहिए, लिटा कर नहीं।
- स्टील रूल के सिरे से माप शुरू नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह प्रयोग से घिसा हुआ हो सकता है।
- स्टील रूल को जॉब के किनारे के समांतर पकड़कर माप लेनी चाहिए।
उपरोयुक्त तीनों बातों को ध्यान में रखकर माप लेने से उपयुक्त माप ली जा सकती है, चित्र (b),(c) से यह और अधिक स्पष्ट हो जाता है। चित्र (a) में माप लेने की अनुपयुक्त विधि दर्शायी गई है।
कोण मापने वाले यंत्र (Angle Measuring Instruments)
फीडर को समय-समय पर जॉब का कोण मापने की भी आवश्यकता रहती है, जिसके लिए वह निम्न यंत्र प्रयोग करता है
चांद (Protractor)
यह एक प्रकार का कोण मापक या कोण निर्माणक औजार है। यह पारदर्शी प्लास्टिक या फिर काष्ठ से निर्मित होता है एवं इसका आकार प्रया: वर्गाकार, वृत्ताकार या अर्ध्दवृत्ताकार होता है। इसमें 0° से 180° या 0° से 360°त क के कोण अंकित होते हैं। इसकी सहायता से 0° से लेकर 360° तक किसी भी कोण को मापा जा सकता है। प्रया: इनका प्रयोग अभियांत्रिकी में विभिन्न तरह के कार्यों में कोण मापने तथा कोण बनाने के लिए किया जाता है।
ट्राई-स्क्वायर (Try-Square)
ट्राई-स्क्वायर एक चेकिंग टूल है जिसकी सहायता से हम समकोण की परख करते हैं। 1 फीट तथा मशीनिस्ट आमतौर पर कार्य करते समय इसका प्रयोग करते हैं। इसके द्वारा सतह की समतलता की भी जांच की जा सकती है। इसका प्रयोग जॉब की मार्किंग करते समय समांतर तथा लंबवत् रेखाएं खींचने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग कार्यखंड को वाइस में समकोण पर पकड़ने के लिए किया जाता है। इसका साइज ब्लेड की लंबाई से प्रकट किया है। चित्र में ट्राई-स्क्वायर दर्शाया गया है। यह मुख्यत: दो प्रकार का होता है
- साधारण ट्राई-स्क्वायर (Simple Try-Square) तथा
- मास्टर ट्राई-स्क्वायर (master Try-Square)
साधारण ट्राई-स्क्वायर (Simple Try-Square)
का प्रयोग आमतौर पर कारपेंटर करता है। इसमें कोण को देखने के लिए अधिक सूक्ष्मता नहीं होती। एक कास्ट आयरन के बेस के साथ स्टील का ब्लेड रिवेट करके समकोण पर जुड़ा रहता है।
परंतु मशीन शॉप में जहां अधिक सूक्ष्मता में मशीनों के पार्ट बनाए जाते हैं, वहां केवल मास्टर ट्राई-स्क्वायर से ही कार्य लिया जाता है। इसका बेस तथा ब्लेड दोनों भली-भांति ग्राइंड करके हाई कार्बन स्टील से बनाए जाते हैं। ये भी चार प्रकार के होते हैैं
फिक्स्ड ट्राई-स्क्वायर (Fixed Try-Square)
फिक्स्ड टाइप ट्राई-स्क्वायर का बेस तथा ब्लेड दोनों एक ही धातु से बहुधा निकालें जाते हैं, जिन्हें रिवेट करने की आवश्यकता नहीं होती है और न ही ब्लेड को आगे-पीछे सरकाया जा सकता है। इसे सॉलिड ट्राई-स्क्वायर कहते हैं। इसी में एक-दूसरे रूप के अंतर्गत ब्लेड को रिवेट करके भी तैयार किया जाता है, जिसमें ब्लेड तथा बेस की धातु अलग-अलग होती है। इसे बैक-स्क्वायर टाइप कहते हैं।
- My YouTube Channel Home Page :- Click Here
- Naukri Tips Home Page :- Click Here