Steel Rule Ka Upyog: सभी प्रकार के स्टील रूल का उपयोग

Steel Rule: सभी प्रकार के स्टील रूल का उपयोग

स्टील रूल (Steel Rule): बहुधा, रूल बनाने के लिए स्टेनलैस स्टील (stainless steel), स्प्रिंग स्टील (spring Steel) या हाई-कार्बन स्टील (high carbon Steel) का प्रयोग किया जाता है। इन सभी को स्टील रूल कहा जा सकता है। ये कई प्रकार के होते हैं

प्लेन स्टील रूल (Plain Steel Rule)

Steel Rule Ka Upyog: सभी प्रकार के स्टील रूल का उपयोग
Steel Rule Ka Upyog: सभी प्रकार के स्टील रूल का उपयोग

जैसा की चित्र में दर्शाया गया है ये रूल 6” या 12″ की लंबाई के होते हैं। इनकी चौड़ाई क्रमश: पौन इंच तथा एक इंच होती है। इनकी एक साइड पर इंच तथा दूसरी पर सेमी के चिन्ह होते हैं। इनके द्वारा न्यूनतम 1/64″ तथा 1/2 मीमी की माप ली जा सकती है। यह स्टेनलैस स्टील, स्प्रिंग स्टील या हाई-कार्बन स्टील का बना होता है। स्टील रूल की सूक्ष्मता बनाये रखने के लिए उसके सिरों तथा साइडों को घिसने से बचाएं। उसे अन्य कटाई यंत्रों से अलग रखें तथा जब वह उपयोग में न हो तो उस पर पतले तेल की हल्की परत लगाकर रखें। इससे उसे जंग लगने से बचाया जा सकेगा।

स्टैंडर्ड स्टील रूल (Standard Steel Rule)

स्टैंडर्ड स्टील रूल भी स्टेनलैस स्टील या स्प्रिंग स्टील का बना होता है। इसकी लंबाई 6″से 48″ तक होती है तथा चौड़ाई 3/4″ या 1″ होती है। इसके द्वारा न्यूनतम 1/64″ या 0.5 मीमी तक बढ़ा जा सकता है।

लचीला स्टील रूल (Flexible Steel Rule)

वक्र सत्ताहों (curved surfaces) की लंबाई मापने के लिए लचीले स्टील रूल का प्रयोग किया जाता है। ये रूल स्प्रिंग स्टील की पतली पत्ती के द्वारा बनाये जाते हैं, जिससे ये किसी भी वक्र सतह पर आसानी से फैल जाते हैं। इसकी चौड़ाई 1/2″ (आधा इंच) होती है। लंबाई में ये रूल 6″लंबे या आवश्यकतानुसार होते हैं।

पतला स्टील रूल (Narrow Steel Rule)

स्टैंडर्ड स्टील रूल से इसकी चौड़ाई कम होने के कारण ही इसे पतला स्टील रूल कहते हैं। इसकी चौड़ाई मात्र 5 मीमी होती है जबकि लंबाई 15 सेमी या 6″ के बराबर होती है। इनका प्रयोग पतली नाली (groove) या बंद ड्रिल हुए छेदों की माप लेने में किया जाता है। साधारणत: इनका एक ही किनारा चिन्हित रहता है। ये रूल इंचों में या सेमी में चिन्हित रहते हैं।

कैलीपर रूल (Calliper Rule)

कैलीपर रूल की बनावट ठीक नैरो रूल के सामने होती है। इसमें भी एक ही साइड पर मार्किंग की गई होती है परंतु इसकी चौड़ाई नैरो रूल से अधिक होती है। इसका प्रयोग स्टैंड जॉब की माप लेने के लिए किया जाता है। इसकी न्यूनतम माप 1/64″ या 0.5 मीमी होती है।

श्रिंक रूल (Shrink Rule)

इस रूल का प्रयोग पैटर्न मेकर्स द्वारा किया जाता है। इसमें मार्किंग करते समय वास्तविक माप में श्रिंकेज एलाउंस बढ़ा लिया जाता है। सर्वविदित है कि धातुएं ढलाई के पश्चात् ठंडी होने पर श्रिंक होती हैं, अत: पैटर्न का साइज कुछ बड़ा रखा जाता है। इसके लिए रूम में मार्किंग कुछ प्रतिशत बढाकर रखते हैं, जिससे श्रिंक होने के पश्चात् सही माप प्राप्त हो सके; जैसे- कास्ट आयरन के लिए 1%, स्टील के लिए 2.1%, पीतल, तांबा, एल्युमीनियम के लिए 1.6%।

शॉर्ट रूल (Short Rule)

जैसा कि नाम से विदित है शॉर्ट रूम में छोटे-छोटे रूलों का एक सैट होता है, जिसमें 1/4″,3/8″,1/2″,3/4″ तथा 1″ के छोटे-छोटे स्केल होते हैं। इसी प्रकार 5 मीमी, 10 मीमी, 15 मीमी, 20 मीमी, 25 मीमी के स्केल मीट्रिक प्रणाली में होते हैं।

डैप्थ रूल ( Depth Rule)

इस रूल की चौड़ाई बहुत कम होती है, जिससे तंग स्थानों पर भी माप ली जा सके। इसकी गहराई 6″ या 15 सेमी होती है। इस पर एक स्क्रूयुक्त खिसकने वाला क्लैम्प होता है, जिसकी सहायता से गहराई मापी जा सकती है।

की-सीट रूल (Key-Seat Rule)

यह स्टील रूल एंगिल आयरन की आकृति का होता है। इसका एक सिरा ढलानदार होता है जिस पर इंच ओके निशान होते हैं। इसका प्रयोग किसी बेलनाकार जॉब पर अक्ष के समांतर लाइन खींचने के लिए किया जाता है (कि-वे की मार्किंग करने के लिए)। अक्ष के समांतर लाइन खींचने की आवश्यकता पड़ती है। की-शीट स्केल शाफ़्ट पर स्थिर हो जाता है तथा इसके ढलानदार किनारे से आसानी से अक्ष के समांतर लाइन खींची जा सकती है। सभी लाइनें अक्ष के समांतर होने के कारण आपस में भी समांतर रहती हैं।

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