औद्योगिक दुर्घटनाओं के कारण निम्न है।
औद्योगिक दुर्घटनाओं के कारण (Causes of Industrial Accidents)
तकनीकी विद्यार्थियों को अपने अध्ययनकाल में ही सुरक्षात्मक उपायों का अभ्यास करना चाहिए। यदि वे प्रारंभ से ही सुरक्षा-नियमों व संसाधनों का उपयोग करने की आदत बना लेंगे तो जीवनपर्यंत सुखी रहेंगे। कुशल मानव-श्रम हमेशा सुरक्षात्मक ढंग से कार्य करता है। अपने आपको सुरक्षित रखने के लिए दुर्घटनाओं (Accidents) के कारणों का ज्ञान होना आवश्यक है। सामान्यतः दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण निम्न हैं
असावधानी (Carelessness)
कारखानों में होने वाली अधिकतर दुर्घटनाएं असावधानी के कारण होती हैं। कार्य करते समय कार्य की चिंता के साथ-साथ कारीगर को अपनी तथा दूसरों की सुरक्षा का भी पर्याप्त ध्यान रखना चाहिए।
अरुचि (Loss of Interest)
कभी-कभी कारीगर कार्य में रुचि (Interest) खो बैठता है। ऐसे समय में दुर्घटना होने की संभावना अधिक हो जाती है। रुचि न होने के कई कारण हो सकते हैं; जैसे-कोई परिवारिक समस्या, फैक्ट्री से पैसा न मिलना या अपूर्ण मिलना। किसी गलती के कारण डांट पड़ना या फिर किसी से झगड़ा हो जाना।
जल्दबाजी (Hasteness)
कारखाना मालिक के दबाव के कारण या अपने अधिक लाभ के लिए कारीगर आवश्यकता से अधिक जल्दी करता है। इसके कारण दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है।
अज्ञानता (Ignorance)
जिस उपकरण के बारे में पूर्ण जानकारी न हो उससे छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। कभी-कभी अपनी झूठ शान दर्शाने के लिए कारीगर ऐसा कार्य करने लगता है जो दुर्घटना का कारण बन जाता है।
उत्सुकता (Curiosity)
उत्सुकता मानव स्वभाव में बसी है परंतु इस पर कारखानों में कार्यरत कारीगरों को अंकुश लगाना होता है। ज्यादा उत्सुक व्यक्ति जल्दी दुर्घटना का शिकार बनता है।
असुरक्षित हस्त औजार (Unsafe Hand Tools)
कई कारखानों में मशीनों का रख-रखाव ठीक न होने के कारण मशीनें असुरक्षित अवस्था में भी प्रयोग होती रहती हैं, जो एक दिन अवश्य ही दुर्घटना का कारण बन जाती हैं। इसी प्रकार असुरक्षित हैंड-टूल्स से भी दुर्घटना हो सकती है; जैसे-बैंटा फटा हुआ हथोड़ा या फाइल तथा मशरूम हैडेड चीजल (Mushroom headed chisel) आदि।
असुरक्षित पहनावा (Unsafe Dress)
ढीले कपड़े, टाई, मफलर, आदि का प्रयोग कारखाने में वर्जित होता है। कारखाने की आवश्यकता के अनुरूप ही कपड़ों (Dress) का प्रयोग करना चाहिए।
असुरक्षित ले-आउट (Unsafe Lay-out)
कारखानों में विभिन्न मशीनें लगाने के समय उनके लिए पर्याप्त स्थान छोड़ना चाहिए। कई बार अपर्याप्त आस्थान होने के कारण दुर्घटना घट सकती है।
काम करने का अनुपयुक्त तरीका (Wrong Mathod of Working)
अनजाने में कई बार कारीगर काम करने का गलत तरीका अपना लेता है; जैसे-बिना हैंडिल की रेती से फाइल करना, चलती मशीन में तेल देना, बिना स्टार्टर बंद किए मशीन खोलना या चलती मशीन को हाथ से रोकना आदि।
स्वच्छता की कमी (Lack of Cleanliness)
शॉप फ्लोर मशीन की ठीक से सफाई न होने के कारण दुर्घटना हो सकती है; जैसे-तेल पर पैर स्लिप होना, कहीं भी ठोकर लग जाना आदि।
अनुशासन की कमी (Lack of Discipline)
अनुशासन न होने के कारण कर्मचारी आपस में हंसी-मजाक करने लगते हैं तथा इसी हंसी-मजाक में कई बार दुर्घटना हो जाती है।
प्रकाश की अनुचित व्यवस्था (Improper Arrangement of Light)
प्रकाश की कमी के कारण दुर्घटना हो जाती है। मशीनों पर प्रशिक्षार्थी/कारीगर जहां टूल कटाई करता है उस स्थान पर पर्याप्त प्रकाश पड़ना चाहिए।
खतरे वाले पदार्थों के साथ विशेष सावधानी न होना (No Special Care for Dangerous Materials)
बहुत से कारखानों में विस्फोटक, तेजाब या ज्वलनशील या जहरीली गैसों का प्रयोग किया जाता है। जब भी इस प्रकार के पदार्थों को व्यवहार में लाया जाए तब विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
अस्वस्थता या थकान (Illness or Tiredness)
कभी-कभी श्रमिक आर्थिक तंगी के कारण बीमार या कमजोर होते हुए भी कार्य पर आ जाते हैं तथा चक्कर खाकर या कमजोरी के कारण मशीन पर गिर पड़ते हैं जिसके कारण दुर्घटना होती है। पैसे के लालच में श्रमिक अपनी सामर्थ्य से अधिक कार्य करने को तैयार हो जाते हैं परंतु थकान के कारण चोट खा बैठते हैं।
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